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बवासीर के लक्षण खूनी बवासीर के नुकसान bawaseer ka ilaj it is Amazing

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खूनी बवासीर के नुकसान खूनी बवासीर के लक्षण

  1. परिचय: खूनी बवासीर क्या है?
    • खूनी बवासीर, जिसे मेडिकल भाषा में अर्श या हेमोरॉयड्स कहा जाता है, एक प्रकार की बवासीर है जिसमें गुदा के अंदर या बाहर की नसों में सूजन और दर्द होता है। यह स्थिति अत्यंत असहनीय हो सकती है और जब यह रक्तस्राव के साथ होती है, तो इसे ‘खूनी बवासीर’ कहा जाता है।

खूनी बवासीर के नुकसान

  1. खूनी बवासीर के नुकसान कई हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख नुकसान दिए जा रहे हैं:
  2. तेज रक्तस्राव: खूनी बवासीर की स्थिति में तेज रक्तस्राव होता है, जो व्यक्ति की सेहत को खतरे में डाल सकता है। अधिक रक्तस्राव के कारण व्यक्ति को अनीचेरिया (खून की कमी) की समस्या हो सकती है।
  3. संक्रमण: खूनी बवासीर के समय अगर रक्तस्राव होता है, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह संक्रमण गंभीर हो सकता है और इंफेक्शन की स्थिति में बदल सकता है।
  4. अनेक दर्द: खूनी बवासीर के दर्द और जलन की समस्या भी होती है, जिससे व्यक्ति को दिनचर्या में बाधा होती है। यह दर्द भी कई बार इतना असहनीय होता है कि व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो जाता है।
  5. बच्चेदानी में इंफेक्शन: अगर खूनी बवासीर संक्रमित होती है तो इससे बच्चेदानी में इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। यह गंभीर स्थिति हो सकती है और उच्च स्तर का चिकित्सा इलाज की आवश्यकता होती है।
  6. बवासीर के और बड़ जाने का खतरा: अगर खूनी बवासीर का सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह और बड़ जा सकता है। इससे चिकित्सा की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  7. इन नुकसानों को देखते हुए जरूरी है कि खूनी बवासीर का समय पर इलाज किया जाए और उसका सही इलाज किया जाए। व्यक्ति को अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि सही दवाइयाँ और उपाय लिये जा सकें।

खूनी बवासीर के कारण

खूनी बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें विशेष रूप से निम्नलिखित शामिल होते हैं:

  1. उच्च रक्तचाप: लंबे समय तक उच्च रक्तचाप बना रहने से गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ता है, जिससे बवासीर की समस्या हो सकती है।
  2. पेट की अत्यधिक चिकित्सा की जरूरत: अगर व्यक्ति को लंबे समय तक पेट की चिकित्सा की जरूरत होती है, तो इससे बवासीर की समस्या हो सकती है।
  3. अधिक वजन: विशेष रूप से ओवरवेट या ओबेसिटी के कारण भी बवासीर हो सकती है।
  4. प्रेगनेंसी और डिलीवरी के दौरान जटिलताएँ: प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय में दबाव बढ़ता है, जिससे बवासीर की समस्या हो सकती है। डिलीवरी के दौरान भी बवासीर की समस्या हो सकती है।

आम लोगों में ये कारण

  • बैठे रहना या लंबे समय तक अधिक धावन
  • अधिक मात्रा में मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन
  • पेट संबंधित समस्याएँ जैसे कि आंतों में सूजन

बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय

बवासीर के मस्से सुखाने के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. घर्षण का उपयोग: बाहरी बवासीर के मस्सों को सुखाने के लिए घर्षण का उपयोग करें। इसके लिए एक सूखा तावा या कपड़ा लेकर मस्से पर मुलायम घर्षण करें। इससे मस्से सुखने में मदद मिल सकती है।
  2. बरबादी का नियमित सेवन: बरबादी को पानी में भिगोकर रात भर के लिए छोड़ दें। फिर इसे सुबह खाली पेट खाएं। बरबादी का सेवन करने से मस्से कम हो सकते हैं।
  3. निम्बू का रस: निम्बू के रस को मस्से पर लगाकर छोड़ दें। यह मस्सों को सुखाने में मदद कर सकता है और इंफेक्शन को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
  4. अलसी के बीज: अलसी के बीजों को पानी में भिगोकर रात भर के लिए छोड़ दें। फिर सुबह खाली पेट अलसी का पानी पीने से मस्से कम हो सकते हैं।
  5. हरड़ का पाउडर: हरड़ का पाउडर और घी का मिश्रण बनाकर मस्से पर लगाएं। इससे मस्से सुख सकते हैं और दर्द में भी राहत मिल सकती है।
  6. हल्दी का अधिक उपयोग: हल्दी को गर्म पानी में मिलाकर मस्सों पर लगाएं। हल्दी मस्सों को सूखाने में मदद कर सकती है और इंफेक्शन को भी कम कर सकती है।

इन घरेलू उपायों का प्रयोग करके आप बवासीर के मस्सों को सुखा सकते हैं और राहत पा सकते हैं। लेकिन यदि समस्या गंभीर है या यह उपायों से ठीक नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा।

खूनी बवासीर के उपाय

खूनी बवासीर के उपाय कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. फाइबर समृद्ध आहार: फल, सब्जियां, अनाज और दाल में अधिक फाइबर समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फाइबर खाने से पाचन बेहतर होता है और बवासीर की समस्या में राहत मिलती है।
  2. पानी की पर्याप्त मात्रा में सेवन: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से खूनी बवासीर की समस्या में सुधार होता है।
  3. नियमित व्यायाम: योग और व्यायाम करना बवासीर की समस्या में मददगार साबित होता है। नियमित व्यायाम से पेट की चर्बी कम होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।
  4. ताजा फल और सब्जियों का सेवन: ताजे फलों और सब्जियों में मौजूद विटामिन्स और खनिज पोषक तत्व बवासीर की समस्या में लाभकारी होते हैं।
  5. बाहरी उपचार: बवासीर के लिए बाहरी उपचार भी हैं जैसे कि क्रीम, औषधि और लोशन। डॉक्टर की सलाह लेकर ही कोई बाहरी उपचार करें।
  6. गरम पानी से सिकाई: गरम पानी में नमक मिलाकर सिकाई करने से बवासीर की सूजन में कमी होती है और दर्द में राहत मिलती है।
  7. आयुर्वेदिक औषधियाँ: कुछ आयुर्वेदिक औषधियाँ भी बवासीर की समस्या में लाभकारी साबित होती हैं। लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही उपयोग करें।

खूनी बवासीर के घरेलू उपचार

खूनी बवासीर के घरेलू उपचार कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. ताजे फल और सब्जियां: ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें, जैसे कि अदरक, प्याज, गाजर, अंजीर, अनार, अमरूद, खीरा आदि। ये फल और सब्जियां फाइबर से भरपूर होते हैं और पाचन को सुधारते हैं।
  2. नियमित पानी पीना: रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना बवासीर की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है।
  3. लौंग का तेल: बवासीर के लिए लौंग का तेल उपयोगी हो सकता है। रोजाना रात को सोने से पहले लौंग के तेल को बवासीर पर लगाने से राहत मिल सकती है।
  4. त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण बवासीर के लिए लाभकारी होता है। इसे रोजाना रात को सोते समय गर्म पानी के साथ लेने से बवासीर की समस्या में सुधार हो सकती है।
  5. मूली का रस: मूली का रस बवासीर के लिए फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह खाली पेट मूली का रस पीने से बवासीर की समस्या में राहत मिल सकती है।
  6. हरड़ का सेवन: हरड़ बवासीर के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। हरड़ के पाउडर को गर्म पानी के साथ मिलाकर लेने से बवासीर की समस्या में राहत मिल सकती है।

इन घरेलू उपचारों को नियमित रूप से अपनाकर बवासीर की समस्या में राहत मिल सकती है। लेकिन यदि समस्या गंभीर है या उपचारों से लाभ नहीं हो रहा है, तो चिकित्सक से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

खूनी बवासीर के लक्षण

खूनी बवासीर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. रक्तस्राव: खूनी बवासीर के मुख्य लक्षण में से एक है रक्तस्राव। यह खून के साथ बवासीर के समय अधिकतम दर्द के कारण होता है।
  2. गुदा क्षेत्र में दर्द: बवासीर के समय गुदा क्षेत्र में दर्द और जलन का अनुभव होता है। यह दर्द बैठने, चलने या मल करने के समय और उनके बाद भी हो सकता है।
  3. गुदा क्षेत्र में खुजली: बवासीर के समय गुदा क्षेत्र में खुजली का अनुभव होता है, जो बहुत ही असहनीय हो सकती है।
  4. सूजन: बवासीर के समय गुदा क्षेत्र में सूजन का अनुभव हो सकता है, जो अक्सर मल अवस्था में अधिक दिखाई देती है।
  5. खून के थक्के: बवासीर के समय मल के साथ खून के थक्के दिखाई देते हैं। यह एक प्रमुख लक्षण है जो खूनी बवासीर की पहचान करने में मदद करता है।

इन लक्षणों को ध्यान में रखकर जरूरी है कि व्यक्ति अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार का सुझाव लें।

बाहरी उपचार और दवाइयाँ

खूनी बवासीर के बाहरी उपचार और दवाइयाँ निम्नलिखित हैं:

  1. क्रीम और गेल: बवासीर के लिए अलग-अलग प्रकार की क्रीम और गेल उपलब्ध हैं जो सूजन को कम करने, दर्द को कम करने और राहत देने में मदद कर सकते हैं। इन्हें लगाने के पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  2. आयुर्वेदिक औषधियाँ: कुछ आयुर्वेदिक दवाएँ भी बवासीर की समस्या में लाभकारी हो सकती हैं। इनमें अर्शकल्प, पाइलागोल्ड, पाइलैक्स, आदि शामिल हैं।
  3. होम्योपैथिक दवाएँ: कुछ होम्योपैथिक दवाएँ भी बवासीर की समस्या को ठीक करने में सहायक हो सकती हैं। होम्योपैथिक दवाओं में हामेमेलिस, सल्फर, नक्स वोमिका, आदि शामिल हैं।
  4. आंतरिक दवाएँ: अगर समस्या गंभीर है और घरेलू उपचार या बाहरी उपचार से राहत नहीं मिल रही है, तो डॉक्टर के परामर्श के बाद आंतरिक दवाएँ लेना भी एक विकल्प हो सकता है। इनमें सुर्गरी, बंदिंग (बांधन), स्क्लेरोथेरेपी (वसा को शूषित करना) आदि शामिल हैं।
  5. औषधिक नुस्खे: बवासीर की समस्या में कुछ औषधिक नुस्खे भी लाभकारी हो सकते हैं, जैसे कि लोहे की बटी, नींबू का रस, पाइन नीडल आदि। इन्हें भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही उपयोग करें।

इन बाहरी उपचारों और दवाओं को डॉक्टर की सलाह लेकर ही उपयोग करें, ताकि सही उपाय चुना जा सके और समस्या में तेज़ी से राहत मिल सके।

खूनी बवासीर की रोकथाम

खूनी बवासीर की रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं:

  1. फाइबर समृद्ध आहार: फाइबर समृद्ध आहार का सेवन करें जैसे कि अनाज, फल, सब्जियां, और दाल। यह पाचन को सुधारता है और बवासीर के उपचार में मदद करता है।
  2. पानी की पर्याप्त मात्रा में सेवन: रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना बवासीर की समस्या से निपटने में मदद कर सकता है।
  3. नियमित व्यायाम: योग और व्यायाम करना पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और बवासीर को रोकने में मदद करता है।
  4. सही पोषण: सही पोषण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बवासीर की समस्या से निपटने में मदद कर सकता है।
  5. नियमित चेकअप: नियमित चेकअप कराना और डॉक्टर की सलाह लेना बवासीर की समस्या को पहचानने और उपचार के लिए महत्वपूर्ण है।
  6. सही शौच क्रिया: सही शौच क्रिया का पालन करें, जैसे कि बहुत ज्यादा प्रेसर के साथ नहीं बैठें और टॉयलेट को ज्यादा समय तक न बैठें।

सर्जरी

ये सभी उपाय खूनी बवासीर की रोकथाम में मददगार हो सकते हैं। लेकिन यदि समस्या गंभीर है या उपायों से राहत नहीं मिल रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करना अत्यंत आवश्यक है।

खूनी बवासीर की रोकथाम के लिए सर्जरी एक अंतिम विकल्प हो सकता है। यह उपाय उन लोगों के लिए समीक्षा किया जाता है जिनकी बवासीर की स्थिति गंभीर हो गई है और अन्य उपायों से राहत नहीं मिल रही है।

सर्जरी के दौरान, डॉक्टर बवासीर को हटा देते हैं या उसे कम कर देते हैं ताकि व्यक्ति को राहत मिल सके। यह विधि बवासीर को स्थायी रूप से हटाने के लिए कई तकनीकों का उपयोग कर सकती है, जैसे कि बंदिंग (बांधन), लेजर थेरेपी, स्क्लेरोथेरेपी (वसा को शूषित करना), या बवासीर को काटकर निकाल देना।

सर्जरी के पूरे प्रक्रिया के बाद, डॉक्टर द्वारा उपयुक्त सलाह दी जाती है और दवाओं का उपयोग करने का सुझाव भी दिया जाता है ताकि समस्या की फिर से बढ़ने की संभावना कम हो।

किसी भी सर्जरी उपचार से पहले, व्यक्ति को डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए। सर्जरी विकल्प केवल जब अन्य उपायों से सहायता न मिले हों तब ही लेना चाहिए।

FAQs

  1. खूनी बवासीर की समस्या किस उम्र में अधिक होती है?
    • खूनी बवासीर की समस्या आमतौर पर उम्र के साथ बढ़ती है, लेकिन कई बार यह किसी भी उम्र में हो सकती है।
  2. खूनी बवासीर का इलाज कितने समय तक का होता है?
    • इलाज का समय व्यक्ति की स्थिति और उसके लक्षणों के आधार पर भिन्न होता है। कुछ समय तक का इलाज हो सकता है, जबकि कई बार लंबे समय तक का इलाज की आवश्यकता होती है।
  3. खूनी बवासीर को घरेलू उपाय से कैसे ठीक किया जा सकता है?
    • घरेलू उपाय में फाइबर समृद्ध आहार, पानी की अधिक मात्रा में सेवन और नियमित व्यायाम शामिल हो सकते हैं।
  4. खूनी बवासीर से बचने के लिए कौन-कौन सी चीजें खानी चाहिए?
    • खूनी बवासीर से बचने के लिए फल, सब्जियां, अनाज और पानी की अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
  5. खूनी बवासीर से पीड़ित व्यक्ति कौन से डॉक्टर से संपर्क करें?
    • खूनी बवासीर से पीड़ित व्यक्ति एक जनरल प्रैक्टीशनर या गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से संपर्क कर सकते हैं।

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